Tuesday, July 27, 2010

A Song Written in Dec 2002...

तुम तो साथ नहीं हो फिर भी,
ये कैसा एहसास...
जाने मुझको क्यूँ लगता है,
तुम हो, मेरे पास

सब कुछ तो बिलकुल वैसा है
जैसा कि तुम छोड़ गए थे
कितनी बातें, कितने वादे,
कितने रिश्ते जोड़ गए थे
वो सारे पल हैं अब मेरे
जीवन कि हर आस
तुम तो...

मुझे अकेला छोड़ गए तुम
रंग बिरंगे सपनों के संग
पर क्यूँ भूल गए कि अब,
तुमसे हैं मेरे जीवन के रंग
राह तुम्हारी तकती हूँ मैं
पल, घंटे, दिन, मास
तुम तो...

शाम सवेरे अब तो मैं,
बस यादों में खोई रहती हूँ
नींदें रस्ता भूल गयी हैं
जागी सी सोई रहती हूँ
तुमसे मिलने की  आशा में
आती जाती सांस
तुम तो...

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